धरमजगढ़ काष्ठागार डिपों में टीपी काटने वाले दैनिक श्रमिक का बोलबाला, रिकार्ड सुधरवाने पहुंचे भालुनारा बैरियर
रायपुर / छत्तीसगढ़ वन विभाग में इन दिनों घमासान मचा हुआ है,उसी बीच में धरमजयगढ़ वन मंडल में डिपों में काम करने वाले एक दैनिक श्रमिक का बोलबाला और जलवा खुलकर सामने आ रहा है।
बड़े ही दबंगई के सांथ खरसिया वन परिक्षेत्र के भालुनारा बेरियर पहुंचकर कर्मचारियों को रजिस्टर बदलने या फिर सफेदा लगाकर सुधारने की नसिहत दे डाली।
जब लकड़ी क्रय करने वाले कर्मचारी,और दैनिक श्रमिक वहां तक पहुंच गये है तो न जाने बिते वर्षों में कहां कहां नही पहुंचे होंगे,
गोलमाल है भई गोलमाल है!
विभाग को चुना लगाने के लिये लायसेंस ले बैठे है
काष्ठागार डिपों में कार्यरत दैनिक श्रमिक, जो अपनी काली कारामात से धरमजयगढ़ वन मंडल में चारचांद लगा दिये है!
आपको बताना चाहूंगा कि धरमजयगढ़ वन काष्ठागार डिपों में सुरक्षा के दृष्टि से सीसी कैमरा लगाये हुए है लेकिन उस कैमरा को बंद रखने का बहुत सारे फायदें भी है। जैसे की वर्तमान में निकाली गई लकड़ी की कोई जानकारी नही !
कैमरा सुरक्षा के लिये लगाया गया है, लेकिन काष्ठागार डिपों में वर्षों से सुरक्षा कर रहे टीपीदार के आंखों कुछ बंच पायेगा तब न!
वह दैनिक श्रमिक का हौसला तो देखों पत्रकार को कोर्ट में घसिटने की बाते करते हैं ,समय आने पर उस टीपी काटने वाले दैनिक श्रमिक की राईंटिंग को हम आगरा से जांच करवाकर भी लायेंगें ताकी पाकसाफ हो जाये टीपीदार!
वर्षो से शासकीय मकान को हंथियाये हुए है, क्या उस शासकीय आवास का किराया उसके वेतन से कटौती करता है विभाग या मुफ्त में सारी सुविधाएं दे रहा है।
अगर येसी बात की सारी सुविधाएं मुफ्त की है तो पुरे छत्तीसगढ़ में कार्यरत दैनिक श्रमिकों को शासकीय आवास बीजली पानी सभी की सुविधाएं देनी होगी सरकार को न्याय सबके सांथ बराबर हो!
गुप्त सुत्रों से पता चला है कि यही दैनिक श्रमिक पूर्व में उत्पादन इकाई परिक्षेत्र में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर की काली कमाई व फर्जीवाड़ा के बारे में जानकारी दिया था! उत्पादन ईकाई परिक्षेत्र में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर अपने ससुराल ओडिसा से लेवर मजदुर लाकर वनों में चट्टा कटाई का कार्य व लकड़ी ढुलाई का कार्य किये हैं।
छत्तीसगढ़ के मजदुरो को विभाग के कार्यों से वंचित रखकर अपने रिस्तेदारों व ससुराल वालो कार्य उपलब्ध कराया है।
यह भी अवगत कराया गया था कि डिपों राजसात वाहनों का नीलामी होता था जिसमें का आधे वाहन वह स्वयं कम दर में खरिद लेते थे,
बहुत और सारगर्भित मामला है जो बाद में प्रकाशन किया जायेगा!
धरमजयगढ़ एसडीओ के कार्य प्रणाली पर संदेह
धरमजयगढ़ वन मंडल में एक येसा एसडीओ पदस्थ है जो अपराधियों को सफेद पोशाक पहनाने का काम करते हैं चाहे आपराध लाखों हो, लेकिन बेदाग करने में महारत हांसिल किये हुए हैं ! वर्तमान में काष्ठागार डिपों का फर्जी टीपी के मामला को वही एसडीओ जांच करेगा जिसे सही साबित करने में कोई कसर नही छोड़ेगा!
टीपी काटने में अंदरूनी खेल चल रहा है, जिसे एक दैनिक श्रमिक बखुबी तरीका से निभा रहा है , न जाने कितने टीपी काटे होंगे,और कितने विभाग को चुना लगायें होंगे।
टीपी काटने के मामले में नाम अधिकारी का होता है लेकिन माजरा दुसरा रहता है, केवल अधिकारी साईन मास्टर रहता है और कारनामा करने वाले कोई और रहता है!
डिपों के मसिहा एक दैनिक श्रमिक जो सागौन लकड़ी के गोला में बढ़ोतरी,कैसा करता है, और टीपी कैसे काटा जाता है उसके लिये महारत हासिल किये हुए है!
06 नग सागौन लट्टा आधे रास्ते में 08 नग कैसे हो जाता है यह काम एक रेंजर नही कर सकता क्योंकि 02 नग के कारण अपने नौकरी को दांव में नही लगायेगा, लेकिन येसा काम केवल एक दैनिक श्रमिक कर सकता है वो रात के लिये जुगाड़ हो जाये येसा सोंचकर!
काष्ठागार के मसीहा ने पित्रपक्ष में अपने विमान में आरूड़ होकर खरसिया क्षेत्र के भालुनारा बैरियर जा पहुंचे, परंतु भोज नही लग पाया खाली पेट वापस होना पड़ा क्योंकि भालूनारा बैरियर में बने हुए पकवान को समय से पहले दुसरे ने भोग लगा लिया था।
वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ़ क्या लापरवाही बरतने वाले रेगुलर कर्मचारी को निलंबित करेगा, क्या फर्जीवाड़ा करने वाले मसीहा दैनिक श्रमिक को कार्य से पृथक करेगा??
यह देखना होगा।












