वनाधिकार पट्टा पाने की चाहत में रोज कट रहे है हजारों एकड़ जंगल,
धरमजयगढ़ वनमंडाधिकारी की निरंकुशता आया सामने
रायपुर / छत्तीसगढ़ के धरमजयगढ़ वन मंडल में लगातार वन माफियाओं के हौसला बुलंद होते जा रहा है, बिना किसी डर के दिन रात जंगल को साफचट करते जा रहे हैं।कहीं राजनीतिक संरक्षण तो नही है जिसके कारण अधिकारी कर्मचारी भी कार्रवाई के लिये डर रहे है!
वन विभाग में वन माफियाओं का धमक
धरमजयगढ़ वन मंडल के अधिकारी-कर्मचारियों का निरंकुस्ता सामने आ रहा है जिसके कारण लगातार छाल, कापू, लैलूंगा, धरमयगढ़ के परिक्षेत्र में अतिक्रमण हो रहे हैं।
अधिकारी कर्मचारियों का कोई भय नहीं है जिसके कारण भयावह रूप से सैकड़ों एकड़ जंगल साफ किया जा चुका है और लगातार किया भी जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी जंगल का संरक्षण करने में असफल होते दिखाई दे रहे है,क्या उस बीट का बीट गार्ड को भी कुछ भी मालूम नही है।
दरअसल मामला वन परिक्षेत्र बोरो के अंतर्गत बलपेदा बीड का इस बीड में सैकड़ों एकड़ जंगल को काट कर साफ कर दिया गया है! इस पर बीड गार्ड द्वारा किसी प्रकार का कोई कार्यवाही नहीं किया गया है,बताया जा रहा है कि ग्रामीण इसलिए जंगल को साफ कर रहे हैं ताकि उनको वन अधिकार का पट्टा मिल सके।
सरकार के द्वारा वनाधिकार पट्टा बांटना राजनीतिक हथकंडा है और आने वाला भविष्य का पतन भी है । जिस हिसाब से लगातार अधाधुन वनों का कटाई हो रहा है उससे स्पष्ट है की मानव जीवन संकट की ओर बड़ चुका है। राजनीतिक हावी है हर जगहों पर पट्टा की मांग जोरो पर चल रही है।
लोहागेरा गांव के ग्रामीणों ने वन अधिकार पट्टा पाने के चक्कर में जंगल को पूरी तरह साफ कर रहे हैं और वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों एसी का आनंद ले रहे है, भर्ती के समय वनों को संरक्षण करने का संकल्प, आज धरातल पर दिखाई नही दे रहा है। जिस जंगल को ग्रामीणों द्वारा साफ किया जा रहा है वहां पहले से ही सैकड़ों एकड़ जगल को साफकर खेत बनाया जा चूका है। और एरिया बढ़ाने के उद्देश्य से लगातार जंगलों को काटकर काबिज करते जा रहे है!
फिर से एकबर खेत बनाने के लिए सैकड़ों एकड़ जंगल को साफ कर दिया जा रहा है और वन विभाग के अधिकारी- कर्मचारी है कि जो सिर्फ घर में बैंठकर ड्यूटी बजा रहे हैं।


डीएफओ की कार्यशैली संदेह के घेरे में है जो कसावट नही ला पा रहे है, जिसके कारण लगातार अतिक्रमण हो रहे है, वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ़ की बहुत बड़ी असफलता है।

बोरो रेंज के बलपेदा बीड में हुए जंगल कटाई के मामले में डीएफओ धरमजयगढ़ की कार्यवाही नगन्य है।
वास्तव में क्या धरमजयगढ़ वन मंडलाधिकारी जंगलों को बंचा पायेगा या उनके रहते पुरा जंगल उजड़ जायेगा।











